Sunday, 29 July 2012

वीरपाल सिंह यादव को देखने आये शिवपाल यादव गुलामों पर अहसान-तीन को सहायता, एक को ठेंगा




बरेली-सपा के जिलाध्यक्ष व सांसद वीरपाल सिंह यादव आजकल बीमार हैं और शहर के एक निजि अस्पताल में भर्ती हैं। वीरपाल का कुशलक्षेम जानने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के भाई और मौजूदा सीएम के चाचा सरकार के मंत्री शिवपाल सिंह यादव बरेली आये शिपाल यादव ने लगे हाथों गुजरे हफ्ते भर से दंगे की आग में झुलस रहे बरेली की सूबाई सरकार की तरफ से गुलाम जनता पर एक अहसान कर दिया। वह यह कि दंगे में मारे गये तीन युवकों इमरान, फरहान, इमरान व रिक्शा पोलर पप्पू के परिवारों में से मुस्तफानगर के फरहान, जोगीनवादा के इमरान व रिक्शा पोलर पप्पू के घर वालों को तीन तीन लाख रूपये की आर्थिक सहायता के चैक दिये। पहले ही दिन मस्जिद में घुसे कांवरियों को निकालने का प्रयास करते समय कत्ल कर दिये गये इमरान के परिवार को नजर अंदाज कर दिया गया।
बताते चलें कि रिक्शा चालक पप्पू का शव बरामद हुआ था। इसकी हत्या कैसे हुई किसने की या क्यों की गयी, यह अभी राज ही है गम्भीरता से जांच के बाद ही पता चलेगा कि उसकी मौत का कारण दंगा था या कोई रंजिश। फिलहाल तो उसके परिवार वालों को पांच लाख मिल ही गये।
थाना सुभाषनगर के मोहल्ला मुस्तफानगर में शिवपाल यादव मृतक फरहान के घर चैक देने पहुंचे। फरहान के परिवार वालों ने मंत्री से परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की जिसपर मंत्री जी चुप्पी साध गये।
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए दंगे का सीधा आरोप बीजेपी पर लगाया साथ ही बीएसपी सरकार पर 25 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप भी लगाया।

दुख भरी खबर



बरेली-बरेली नगर को नरक बनाने के लिए गठित ‘‘नरक निगम या नंगा निगम’’ के कर्मचारी कर्फयु की भेंट चढ़ गये तो गुलाम जनता के लोग खुद ही निकल पड़े अपने मोहल्लों की सफाई करने। फोटो-एम.के.अली

Saturday, 28 July 2012

कांवरियों के सामने पुलिस ने घुटने टेके

बरेली-कांवर को लेकर छिडे़ बवाल के बाद पांच दिन से कर्फयु की मार झेल रही बरेली की अखिलेश पुलिस ने 27 जुलाई को रामपुर मार्ग से लगभग 40 कांवरिये नाचते गाते आये शहर में प्रवेश करने से पहले ही मिनीबाई पास मोड़ पर पुलिस ने उन्हें रोककर कफर््यू के मददेनजर मिनी बाईपास से होकर जाने को कहा जिसपर वे ऊधम करने लगे और बीच रोड पर बैठ गये। जाम लगता देख पुलिस काफी देर तक कांवरियों से प्रार्थनांए करती रही। लेकिन शहर जला देने पर आमादा कांवरिये नही मानें। पुलिस ने उनकी सुरक्षा की बात कही तो आजमनगर सिकलापुर का रहने वाला एक कांवरिया आगे बढ़ा और बोला कि हमें पुलिस की मदद की जरूरत नहीं हम हम खुद निबट लेंगे हमारे पास सब इन्तेजाम है। यह सुनकर पुलिस के हाथ पांव फुल गये और खुशामन्द करके डीजे बन्द करा दिया और उनकी इच्छानुसार रास्तों पर नाचते गाते हुल्लड़ करते हुए गुजरने की छूट देदी।

Friday, 27 July 2012

यही शायद अहले वतन चाहते हैं।।

महकता गुलों से चमन चाहते हैं।
बरेली शहर में अमन चाहते हैं।।

वो ही प्यार आपस में हो भाईचारा।
वो ही शहर में बांकपन चाहते हैं।।

दिलों में मोहब्बत के हों दीप रौशन।
उजाले की ऐसी किरन चाहते हैं।।

न हो कोई नफरत न कोई कदूरत।
मोहब्बत की सच्ची लगन चाहते हैं।।

गले मिलके शिकवे सभी भूल जायें।
यही शायद अहले वतन चाहते हैं।।

(गयास शाद शमसी)

संगीनों के बल पर प्रशासन ने रखवाई नई बुनियाद

बरेली-कांवर को लेकर बरेली में फैले फसाद के बाद चार रोज से लगातार चल
रहे कर्फयु और हर रोज एक हत्या के बावजूद पुलिस ने आज संगीनों के साये
में एक नया काम शुरू कराया। याद दिलादें कि लगभग एक दशक से धर्म से जुड़ी
किसी भी तरह की नई शुरूआत प्रतिबन्धित है। लेकिन यह भी बतादें कि यह
प्रतिबधं केवल वर्ग विशेष पर ही लागू होता है जिसके लाखों प्रमाण हमारे
पास होने के साथ साथ आज एक जीता जागता सबूत यह है कि आज पहली बार थाना
किला क्षेत्र के मोहल्ला बाकरगंज से कांवरियों का जत्था गुजरवाया। यह
जत्था गांव सैसिया हुसैनपुर से आया था। नये नींव डाले जाने का कोई विरोध
न कर सके इसलिए आज सुबह से ही बाकरगंज को संगीनों से पाट दिया गया था।
अखिलेश यादव की पुलिस ने आज संगीनों के बल पर जो नया काम शुरू कराया है
उसका आगे चलकर क्या परिणाम् गरीब तबके को भुगतने पड़ेंगे यह तो भविष्य
में ही पता चलेगा।

Wednesday, 25 July 2012

फैजान ने दम तोड़ा

बरेली-दंगे के दूसरे दिन यानी सोमवार को थाना सुभाषनगर के मोहल्ला
मुस्तफा नगर के रहने वाले रेवले कर्मचारी अनवार अहमद के 17 वर्षीय पुत्र
को कांवरियों बुरी तरह पीटा और मरा समझकर छोड़ गये। राहगीरों और उसके साथ
चल रहे मित्र ने उसे उठाकर करीबी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसे रैफर
कर दिया तो उसके परिवार वालों ने उसे शहर के ही एक निजि हास्पिटल में
भर्ती कराया गया। लगभग 24 घण्टे तक बेहोशी की हालत में जिन्दगी से जूझते
हुए आज दोपहर बाद फैजान ने दम तोड़ दिया।
थाना सुभाष नगर के मोहल्ला मुस्तफा नगर के रहने वाले रेल कर्मी अनवार
अहमद का छोटा बेटा फैजान 12वीं का स्टूडेंट था, उसके दूसरे समुदाय के एक
लड़के मनोज से बचपन की दोस्ती थी। कल दोपहर बाद मनोज फैजान के पास आया और
बदायंु रोड पर कुछ काम से साथ ले गया। फैजान चूंकि फैजान का रोजा था
इसलिए वह सिर पर टोपी लगाये हुए था। पूरा सुभाष नगर इलाका दोनों ने पार
किया किसी ने एक शब्द भी नहीं कहा लेकिन जैसे ही दोनो बदायुं रोड पहुंचे
कि सामने से आ रहे कांवरियों ने दोनो का पकड़ लिया और दोनों के नाम पूछे।
दोनों ने अपने अपने नाम बताये फैजान का नाम सुनते ही गुण्डे उस पर टूट
पड़े और उसे जमीन पर गिरा कर पीटने लगे। दो चार हाथ मनोज को इसलिए जड़
दिये क्योंकि वह फैजान के साथ प्रेम से चल रहा था।
मृतक के परिवार वालों ने बताया कि मनोज व कुछ राहगीरों ने फैजान को करीब
में ही मौजूद अस्पताल में ले गये जहां डाक्टर ने रैफर कर दिया। इसी बीच
मनोज ने फैजान के परिवार वालों को सूचना दी जिससे वे लोग आनन फानन में
हस्पताल पहुंच गये और फैजान को शहर के ही एक निजि हास्पिटल में भर्ती
कराया, जहां उसने आज दोपहर दम तोड़ दिया।
फैजान की मौत की खबर जंगल की आग की तरह कुछ ही मिनटों में शहर में फैल
गयी। पुलिस व जिला प्रशासन के आला अफसरान भारी फोर्स के साथ अस्पताल
पहुंचे। डीआईजी ने बताया कि मुख्य आरोपी को पकड़ लिया गया है, छानबीन की
जा रही है दूसरे हमलावरों को भी जल्दी ही पकड़ लिया जायेगा।
ऊधर फैजान की मौत की खबर के साथ ही प्रशासन चैकस हो गया। सख्ती बढ़ा दी
गयी। मृतक के परिवार को दो लाख रूपये मुआवजा देने की बात कही गयी।

यह कैसा कर्फयु