Monday 10 September 2012

संयुक्त शिक्षा निदेशक की मौजूदगी में 10-12 के फार्म ब्लेक -- राजकीय इन्टर कालेज की करतूत


बरेली- राजकीय इन्टर कालेज में आज शिक्षक संघ का सम्मान कार्यक्रम था। मुख्य अतिथि के रूप में संयुक्त शिक्षा निदेशक भी मौजूद थे। सभी अपने अपने मजे में मस्त थे साथ ही कालेज के मुख्य द्वार के करीब ही एक खिड़की पर सैकड़ों अभियार्थी कड़ी धूप में लाईन लगाये खड़े थे कारण था 10 वीं और 12 वीं व्यक्तिगत परीक्षा के फार्म बांटे जा रहे थे। बाहर लम्बी लाईन में खड़े अभियार्थियों के अलावा कुछ लड़के पीछे के दरवाजे से जाते और तुरन्त फार्म लेकर चले जाते। पिछले दरवाजे से फार्म लाते देखकर अन्याय विवेचक प्रतिनिधि ने जाकर देखा तो पाया कि 30 रूपये अलग से देने वालों के लिए यह सुविधा दी जा रही है। हमारे प्रतिनिधि ने अभियार्थी बनकर पिछले दरवाजे पर जाकर फार्म की मांग की जिसपर अन्दर से दरवाजे पर आने वाले व्यक्ति ने 30 रूपये और चालान फार्म मांगा। इसी बीच कुछ अन्य पत्रकार भी पहुंच गये जिनमें से दो पत्रकारों ने छात्र बनकर ही उन अभियार्थियों से बात की जो पिछले दरवाजे से फार्म ले रहे थें सभी ने एक स्वर में कहा कि सुबह 9 बजे से बाहर लाईन में खड़े थे थक गये तो 30 रूपये देकर फार्म ले लिया। इसके बाद पत्रकारों ने सभा में बैठे संयुक्त शिक्षा निदेशक से इस बाबत बात करना चाही तो कार्यक्रम की मस्ती में चूर निदेशक ने सारी बात सुनने के बाद मुंह में ताला डाल लिया, कई कई बार पूछे जाने पर भी निदेशक ने मुंह नहीं खोला लेकिन पत्रकारों के सवालों से निदेशक को पसीना अवश्य छूट गया।

सम्बंिन्धत बड़े अफसर की मौजूदगी में सरकारी फार्म की खुलेआम ब्लेक और रिश्वत खोरी साथ ही निदेशक की खामोशी और घबराहट में पसीना छूट जाने तो यह बताता है कि फार्मो की ब्लेक और रिश्वत खोरी इन महाशय की इच्छानुसार ही हो रही है। वैसे भी देखा गया है कि सपा सरकार में सरकारी मशीनरी खासतौर पर अफसरान को कोई डर नहीं होता। अफसरान को अपनी कुर्सी की चिन्ता केवल माया राज में ही होती है।

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