Friday 14 September 2012

चम्बल से आकर दिल्ली में बस गये-किरदार सब वही हैं ठिकाने बदल गये।

        नई दिल्ली-सोनिया नामक रिमोट से चलने वाली केन्द्र की कांग्रेस बाहुल्य मनमोहन सिंह सरकार देश को अमरीका गुट का गुलाम बनाने की कोइ्र कोशिश बाकी नहीं छोड़ रही। केन्द्र सरकार हर कदम ऐसे काम कर रही है कि गरीब तबके की गुलाम जनता गरीबी से निकल कर भिकारी बन जाये। जाहिर सी बात है कि जब गरीब की मजदूरी में उसके बच्चों को रोटी नही मिलेगी तो वह चोरी चकारी करने पर मजबूर होगा ही। साथ ही केन्द्र सरकार पूंजी पतियों को मालामाल करने की कोशिश में भी कोई कसर बाकी नही रख रही। पूंजीपतियों पर इतना महरबान होने का सीधा सा एक ही कारण दिखाई पड़ता है और वह है कमीशन। राजमार्गों पर हफता वसूली के लाईसेंस देने के साथ ही सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय ने गुलामों को लुटवाने के लिए फिर डीजल के दामों में भारी बढ़ोतरी की है। सरकार ने डीजल के दाम 5 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिए हैं। बढ़े दाम आज आधी रात से लागू होंगे। इतना ही नहीं रसोई गैस पर कोटा सिस्टम भी लगा दिया गया है। अब साल में केवल छह सिलिंडरों पर सबसिडी मिला करेगी। अब एलपीजी के नाम पर हर महीने लूट करने की योजना भी है। डीजल की कीमत बढ़ने से महंगाई और बढ़ने से गरीब की बची खुची रोटी भी छिनना तय है जोकि सरकार चाहती ही है। बेहयाई की हद तो यह है कि गुजरे विधानसभा चुनावों में उ0प्र0 समेत तीन राज्यों की गुलाम जनता ने कांग्रेस को उसकी औकात बतादी फिर भी कांग्रेस लूटमार बन्द नहीं कर रही।
दरअसल कांग्रेस अच्छी तरह जानती है कि 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में गुलाम जनता कांग्रेस को औकात पर भेज देगी इसलिए कांग्रेस की सोच है कि औकात पर आने से पहले ज्यादा से ज्यादा लूट लिया जाये। पेट्रोलियम मंत्रालय ने गुरुवार को डीजल के दाम प्रति लीटर 5 रुपए बढ़ा दिए हैं। सरकार ने एलपीजी पर भी कोटा सिस्टम लगा दिया है। अब साल भर में सिर्फ 6 सिलिंडरों पर ही आपको सब्सिडी मिल पाएगी। सातवां सिलिंडर बाजार मूल्य पर यानी 746 रुपए में मिलेगा। सरकार ने केरोसिन के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। बढ़ी हुई कीमतें आज आधी रात से लागू होंगी। सरकार ने पेट्रोल की कीमतों को बढ़ोतरी से अलग रखा है और इसके दाम नहीं बढ़ाए जाएंगे। ऐसी संभावना पहले से ही जताई जा रही थी कि सरकार मॉनसून सत्र खत्म होने के तुरंत बाद ही डीजल के दामों में बढ़ोतरी करेगी और सरकार ने ऐसा कर ही दिया।

Monday 10 September 2012

संयुक्त शिक्षा निदेशक की मौजूदगी में 10-12 के फार्म ब्लेक -- राजकीय इन्टर कालेज की करतूत


बरेली- राजकीय इन्टर कालेज में आज शिक्षक संघ का सम्मान कार्यक्रम था। मुख्य अतिथि के रूप में संयुक्त शिक्षा निदेशक भी मौजूद थे। सभी अपने अपने मजे में मस्त थे साथ ही कालेज के मुख्य द्वार के करीब ही एक खिड़की पर सैकड़ों अभियार्थी कड़ी धूप में लाईन लगाये खड़े थे कारण था 10 वीं और 12 वीं व्यक्तिगत परीक्षा के फार्म बांटे जा रहे थे। बाहर लम्बी लाईन में खड़े अभियार्थियों के अलावा कुछ लड़के पीछे के दरवाजे से जाते और तुरन्त फार्म लेकर चले जाते। पिछले दरवाजे से फार्म लाते देखकर अन्याय विवेचक प्रतिनिधि ने जाकर देखा तो पाया कि 30 रूपये अलग से देने वालों के लिए यह सुविधा दी जा रही है। हमारे प्रतिनिधि ने अभियार्थी बनकर पिछले दरवाजे पर जाकर फार्म की मांग की जिसपर अन्दर से दरवाजे पर आने वाले व्यक्ति ने 30 रूपये और चालान फार्म मांगा। इसी बीच कुछ अन्य पत्रकार भी पहुंच गये जिनमें से दो पत्रकारों ने छात्र बनकर ही उन अभियार्थियों से बात की जो पिछले दरवाजे से फार्म ले रहे थें सभी ने एक स्वर में कहा कि सुबह 9 बजे से बाहर लाईन में खड़े थे थक गये तो 30 रूपये देकर फार्म ले लिया। इसके बाद पत्रकारों ने सभा में बैठे संयुक्त शिक्षा निदेशक से इस बाबत बात करना चाही तो कार्यक्रम की मस्ती में चूर निदेशक ने सारी बात सुनने के बाद मुंह में ताला डाल लिया, कई कई बार पूछे जाने पर भी निदेशक ने मुंह नहीं खोला लेकिन पत्रकारों के सवालों से निदेशक को पसीना अवश्य छूट गया।

सम्बंिन्धत बड़े अफसर की मौजूदगी में सरकारी फार्म की खुलेआम ब्लेक और रिश्वत खोरी साथ ही निदेशक की खामोशी और घबराहट में पसीना छूट जाने तो यह बताता है कि फार्मो की ब्लेक और रिश्वत खोरी इन महाशय की इच्छानुसार ही हो रही है। वैसे भी देखा गया है कि सपा सरकार में सरकारी मशीनरी खासतौर पर अफसरान को कोई डर नहीं होता। अफसरान को अपनी कुर्सी की चिन्ता केवल माया राज में ही होती है।

Monday 3 September 2012

चोरों की मदद कर रहा है सीबी गंज उपकेन्द्र

            बरेली-थाना सीबी गंज के गांव अटरिया, महेशपुरा, बिधौलिया वगैराह में इन दिनों चोरों की बल्ले बल्ले हो रही है। थाना क्षेत्र के लगभग आधे से ज्यादा गांवों में उचक्के हर रात कहीं न कहीं हाथ साफ कर रहे हैं। दरअसल सीबी गंज विद्युत उपकेन्द्र इन चोरों पर खासा महरबान है। बेवजह ही घण्टों तक सप्लाई बन्द करके चोरों को चोरी का मौका दिया जा रहा है। जाहिर सी बात है कि आधी रात से ज्यादा समय तक सप्लाई बन्द रहने से क्षेत्र के लोग सही से सो नहीं पाते और जब सप्लाई चालू की जाती है तो दिन भर मेहनत करके आधी रात तक जाग कर गुजारने वाले मनुष्य को बेखबरी की नीन्द आना स्वभाविक है बस इसी समय चोर हाथ साफ कर देते हैं।

Saturday 1 September 2012

सपा सरकार मतलब पुलिसिया बेगार का राज ‘‘सैयां भये कोतवाल तो गम काहे का’’


    सूबे में जब जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तब तब पुलिस ने गुलाम जनता से बेगार कराने को अपना अधिकार मान लिया। बीच में पांच साल मायाराज राज रहा तो कम से कम गुलाम जनता पुलिस की बेगार करने से बची रही। अब फिर सपा सरकार में आ गयी तो पुलिस ने गुलामों से बेगार करानी शुरू कर दी।
    आज बरेली में तैनात एक पुलिस अफसर के किसी रिश्तेदार की मौत हो गयी उसके रिश्तेदारों को शमशान भूमि तक जाना था गर्मी बहुत थी ऊपर से शमशान भूमि की दूरी भी ज्यादा थी। जिसका रिश्तेदार पुलिस अफसर हो तो वे पैदल क्यों चलें, यह और बात है कि अपनी कार खरीदने की हैसियत नहीं है। लेकिन एक रिश्तेदार पुलिस अफसर हो तो गाडि़यों की लाईन लगना तसय है वह भी बिल्कुल फ्री में। बस क्या देर थी कोतवाली वायरलैस आया सिपाही दौड़े ओर टैक्सी स्टैण्ड पर खड़ी कारों को ले गये कोतवाली वहां से गुलामों को मालिकों की खिदमत में पहुंचकर सेवा करने का आदेश मिला। बेचारे गुलाम लोग। भारत में रहना ही है तो देश की मालिक वर्दी के हुक्म को कैसे टाल सकते हैं। सुबह से शाम तक कराई गयी बेगार।