Wednesday 11 July 2012

सूचनायें देने से कतरा रहे है अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी

बरेली-जिला अल्प संखयक कल्याण अधिकारी गुजरे तीन महीने से कुछ सूचनायें
देने में कतराने में जुटे हुए है। इसका क्या कारण है। क्या मांगी गयी
सूचनाओं से सम्बन्धित रिकार्ड किसी विशेष कारण से नष्ट कर दिया गया है?
या रिकार्ड में कुछ ऐसा है जिससे सार्वजनिक करने में खतरा दिख रहा है।
अन्याय विवेचक ने तीन माह पहले इस कार्यालय से सूचनायें मांगी थी जिसे
देने की बजाये अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी लगातार तीन में से नये नये
ड्रामें कर रहे हैं। अब वही सूचनायें एक बीपीएल कार्ड धारक ने मांगी है।
गौरतलब बात यह है कि मांगी गयी सूचनायें देने की बजाये अल्प संख्यक
कल्याण अधिकारी ने कानून का मुंह काला करते हुए बीपीएल कार्ड धारक से भी
पोस्टल आर्डर और शुल्क की मांग कर डाली।
दरअसल सूबे भर के अधिकारी सूचना के अधिकार अधिनियम को जूटे की नोक पर
रखने के लिए स्वतंत्र कर दिये गये है। इन्हें यह आजादी स्ंवय राज्य सूचना
आयोग ने प्रदान की है, जब आयोग स्ंवय ही दो-तीन साल तक सूचनायें न देता
हो तो उस आयोग का किसी दूसरे अधिकारी को क्या डर हो सकता है।

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