बरेली-हफता भर से शहर के चार थाना क्षेत्र में चल रहे कर्फयु में आज ईद के त्योहार पर सिर्फ शाम 6-30 बजे तक की ढील से मुसलमानों में काफी रोष के साथ साथ प्रशासन पर पक्षपात के आरोप भी लग रहे हैं। पेशे से डाक्टर इसरार बेग नूरी का कहना है कि ईद मुसलमानों का बड़ा त्योहार है इस दिन लोग एक दूसरे के घरों पर जाकर मिलते है मुबारक बाद देते हैं सुबह नमाज से निबटने में ही ग्यारह बज जाते हैं और शाम छः बजे से कैद किया जाना गलत है। एक दूसरे डा0 एम.ए.सिददीकी का भी यही कहना है। आटो मकेनिक इरफान खां ने कहा कि प्रशासन पक्षपात कर रहा है हफता भर पहले रक्षा बन्धन के दिन नौ बजे तक ढील दी गयी थी लेकिन ईद पर सिर्फ छः बजे तक की ढील देने से प्रशासन का पक्षपात ही कहा जा सकता है। ठेकेदारी करने वाले कासिम हुसैन का कहना है कि यह मुसलमानों को सपा को वोट देने का सिला है कि रक्षा बन्धन पर छूट नौ बजे तक और ईद पर 6-30 बजे तक ही। इसी तरह के बात लगभग सभी मुस्लिमों में महसूस की जा रही है।
एक तरहसे तो मुसलमानों में यह रोष स्वभाविक है और जायज है कि ईद के दिन भी दिन से ही कैद करने का फरमान प्रशासन व शासन की निष्पक्षता पर उंगली उठाने के लिए काफी है। मानना पड़ेगा कि शायद मायाराज में इतना फर्क न किया जाता। जाहिर है कि इसका सीधा असर 2014 के लोकसभा चुनावों में सपा पर पड़ना लगभग तय माना जा रहा है।
एक तरहसे तो मुसलमानों में यह रोष स्वभाविक है और जायज है कि ईद के दिन भी दिन से ही कैद करने का फरमान प्रशासन व शासन की निष्पक्षता पर उंगली उठाने के लिए काफी है। मानना पड़ेगा कि शायद मायाराज में इतना फर्क न किया जाता। जाहिर है कि इसका सीधा असर 2014 के लोकसभा चुनावों में सपा पर पड़ना लगभग तय माना जा रहा है।
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